आप मुझे ढेड़ पुकार सकते हो
मैं आपके प्रति गुस्सा करनेवाला नहीँ हूँ .
मुझे मालुम है कि शब्द कभी भी अनावृत्त नहीँ होते.
मुझे तो आपकी दया ही आती है
दया, जो आती है दीवार पर सर पटकती भैंसको
देखकर आती है वैसी ही.
मुझे यकीन है
कि आपने उगायी है उस नफरतकी घास पर
कभी न कभी
समयका खारा जल फ़ैल ही जायेगा.
सिर्फ इस विचारसे ही
भयभीत हो उठता हूँ कि
अन्याय और दमनको
इस धरतीसे नाबूद करनेमें
नाबूद न कर बैठूं
कहीं आपको ही
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